पाठ- 26 (page- 41)
तितली रानी (सिख्रि रानि)
शब्द और अर्थ :
सजीले-सजे हुए ( साजायनाय )
भाता-अच्छा
लगता ( गोसो गोजोननाय )
नाता- संबंध ( सोमोन्दो )
बगिया-छोटा
बगीचा ( फिसा बागिसा, बिबारबारि
)
गुण- गुण गोनां
फूल कली- बिबार थमेननाय
सबको- गसैखौबो
रंग-बिरंगे- रंग-बिरं,बोयदि गाब गोनां
खूब- जोबोर, गोबां
कहाँ- बहाबा,बबेहायबा
आती- फैनाय
को जाती- गोमालांनाय, गोमोरनाय
ऐसे- बेबायदि,बेफोरबायदि
पंख- गां
अड़ना- बिरनाय
मुड़ना- गिदिंनाय
क्या- मा
उनका- बिसोरनि
तुम- नों
आओ- फै
आ जाओ- फै
बना जाओ- बानायलांफै
मस्त- जोबोर रंजानाय
अभ्यास
बताओ :
(क) तितली के पंख कैसे हैं?
उत्तर :- तितली के
पंख रंग-बिरंगे खूब सजीले हैं।
(ख) हम सबको तितली का क्या भाता है?
उत्तर :- तितली का उड़ना, तितली का मुड़ना हम सबको
भाता है।
(ग) कवि तितली को कहाँ आने के लिए कहता है?
उत्तर :- कवि तितली
को बगिया में आने के लिए कहता है।
पढ़ो और वाक्य पूरे करो :
(क) तेरा उड़ना, तेरा _________ ।
हम सब को _________ है।
(ख) रंग-रूप और अपने ________ से,
सबको ___________ बना
जाओ
उत्तर :-
(क) तेरा उड़ना, तेरा मुड़ना
हम सब को भाता
है।
(ख) रंग-रूप और अपने गुण
से,
सबको मस्त बना
जाओ।
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